हाथ धोने की सहज शक्ति
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0:00 - 0:06सोचियें कि एक हवाइ जहाज क्रैश होने वाला है
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0:06 - 0:09जिसमे २५० बच्चें है
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0:09 - 0:12और अगर आप उसको रोक पातें, तो क्या आप रोंकतें?
-
0:12 - 0:14अब सोचियें
-
0:14 - 0:18कि ६० हवाइ जहाज जो पाँच
साल से छोटें बच्चों से भरे हो -
0:18 - 0:21हर दिन क्रैश होते है।
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0:21 - 0:23ये उन बच्चों की संख्या है
-
0:23 - 0:25जो अपनें पांचवें जन्मदिन तक
जीवित नहीं रहतें -
0:25 - 0:29६६ लाख बच्चें
-
0:29 - 0:32अपनें पांचवें जन्मदिन तक
जीवित नहीं रहते -
0:32 - 0:35इन्में से अधिकतर मौते रोकीं जा सकती है
-
0:35 - 0:37और ये बात मुझे सिर्फ़ दुखि नहीं करती है,
-
0:37 - 0:38मुझे गुस्सा दिलाती है,
-
0:38 - 0:41और मुझे निश्चित बनाती है।
-
0:41 - 0:43डायरिया और निमोनियाँ
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0:43 - 0:44दो सबसे घातक बीमारियाँ है
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0:44 - 0:47पाचँ साल से छोटें बच्चों के लिये,
-
0:47 - 0:49और इन बिमारियों का रोकने के लियें
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0:49 - 0:51हमें कोई स्मार्ट या
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0:51 - 0:54नयी तकनीकी की खोज नहीं चाहियें
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0:54 - 0:59यह दुनियाँ की सबसें पुरानी खोज है
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0:59 - 1:02एक साबुन की टिकियाँ।
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1:02 - 1:04हाथों को साबुन से धोना,
-
1:04 - 1:06एक ऐसी आदत जिसें हम मान कर चलते है
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1:06 - 1:08डायरिया को ५०% कम कर सकती है
-
1:08 - 1:12सांस की बिमारी को १/३ कम कर सकती है
-
1:12 - 1:14हाथों को साबुन से धोने
-
1:14 - 1:16का ऐसा प्रभाव पड़ सकता है
-
1:16 - 1:21जो फ़्लु, त्रकोमा, सार्स को कम कर सकता है
-
1:21 - 1:23और हाल ही में कोलेरा
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1:23 - 1:26और एबोला के प्रकोप में
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1:26 - 1:27सबसें महत्वपुर्ण हस्तक्षेप
-
1:27 - 1:30है हाथों को साबुन से धोना।
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1:30 - 1:33साबुन से धुले हाथ ही बच्चों को स्कूल में रखती हैं
-
1:33 - 1:36यह बच्चों को मरने से बचाती हैं
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1:36 - 1:38साबुन से हाथ धोना
-
1:38 - 1:41सबसे किफ़ायती तरीका है
-
1:41 - 1:43बच्चों की जान बचाने का।
-
1:43 - 1:47यह हर साल ६ लाख से ज़्यादा बच्चों
की जान बचा सकती है -
1:47 - 1:50यह उस बात के समान है जब कोई रोके
-
1:50 - 1:52१० जुम्बो जेट
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1:52 - 1:54जिसमें बच्चें भरें हो
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1:54 - 1:57को क्रेश होने से प्रति दिन
-
1:57 - 1:59मुझे लगता है कि आप मेरे साथ
सहमत होगे कि यह -
1:59 - 2:02उपयोगी सार्वजनिक स्वास्थय बीच बचाव है
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2:02 - 2:05तो अब एक मिनट लीजिये
-
2:05 - 2:07मुझे लगता है कि आपको अपने पास
बैठें व्यक्ति को जानना चाहिये -
2:07 - 2:09क्यू ना आप उनसे हाथ मिलायें
-
2:09 - 2:11प्लीज़ आप उनसे हाथ मिलायें
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2:11 - 2:13चलियें एक दूसरें को जान लीजियें
-
2:13 - 2:14कितने सुन्दर दिख रहे है ना
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2:14 - 2:16ठीक है
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2:16 - 2:18तो अगर मै आप से कहू
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2:18 - 2:21कि जिस व्यक्ति से आपने अभी हाथ मिलाया
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2:21 - 2:23उसने अपने हाथ नही धोये जब
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2:23 - 2:25वह शौचालय से बाहर आ रहा था? (हास्य)
-
2:25 - 2:29अब वे उतने सुन्दर नहीं लग रहे ना ?
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2:29 - 2:32आप मुझसे सहमत होगे कि यह काफ़ी घिनौना है।
-
2:32 - 2:34आकड़े दिखाते है कि
-
2:34 - 2:36पाँच में से चार लोग
-
2:36 - 2:39शौचालय से बाहर आतें समय
अपने हाथ नहीं धोतें है, -
2:39 - 2:40विश्व स्तर पर।
-
2:40 - 2:42और उसी तरह,
-
2:42 - 2:45ह्म भी नहीं धोते हमारें फ़ैन्सी शौचलय में
-
2:45 - 2:48जहाँ पानी और साबुन उपलब्ध है
-
2:48 - 2:50यहीं बात है उन देशों में जहा
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2:50 - 2:53बच्चों की मृत्युदर ज़्यादा है।
-
2:53 - 2:55क्या बात है? क्या साबुन नहीं है?
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2:55 - 2:58असल मे साबुन उप्ल्ब्ध है।
-
2:58 - 3:01इन्डिया के ९०% घरों में,
-
3:01 - 3:04कीन्या के ९४% घरों में
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3:04 - 3:05आपकों साबुन मिलेगा।
-
3:05 - 3:09उन देशों में भी जहा साबुन की कमी है,
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3:09 - 3:13जैसे कि इथिओपिया मे हम ५०% पर है
-
3:13 - 3:14तो ऐसा क्यू है?
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3:14 - 3:17लोग अपने हाथ क्यू नहीं धो रहे है ?
-
3:17 - 3:19ऎसा क्यु है कि मयन्क,
-
3:19 - 3:22एक छोटा बच्चा जिससे मॆ इन्डिया मे मिली थी,
-
3:22 - 3:23अपने हाथ नहीं धोता है ?
-
3:23 - 3:26क्यूकि मयन्क के परिवार में,
-
3:26 - 3:28साबुन का उपयोग नहाने के लिये होता है,
-
3:28 - 3:30साबुन का उपयोग कपड़े
धोने के लिये होता है, -
3:30 - 3:33साबुन का उपयोग बर्तन
धोने के लिये होता है। -
3:33 - 3:35उसके माँ बाप सोचतें है कि
-
3:35 - 3:37साबुन एक अनमोल पदार्थ है,
-
3:37 - 3:39तो साबुन को अल्मारी में बन्द रखतें है।
-
3:39 - 3:42उससे दूर रखतें है ताकि वह
उसे बर्बाद नहीं करें -
3:42 - 3:44औसत में, मयन्क के परिवार में,
-
3:44 - 3:46हाथों को साबुन से धोया जाता है
-
3:46 - 3:48दिन में सिर्फ़ एक बार
-
3:48 - 3:50और कभी कभी
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3:50 - 3:53हफ़तें में एक बार।
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3:53 - 3:55इसका परिणाम क्या है ?
-
3:55 - 3:57बच्चों को उन जगहों से
बिमारियाँ मिलती है -
3:57 - 3:59जो उन्हें सबसें प्यार
-
3:59 - 4:04और सुरक्षा मिलना चाहियें, उनका घर।
-
4:04 - 4:06सोचियें आपने हाथ धोना कहा सीखा?
-
4:06 - 4:09क्या आपने हाथ धोना घर में सीखा?
-
4:09 - 4:12क्या आपने हाथ धोना स्कूल में सीखा?
-
4:12 - 4:14व्यवहारिक वैज्ञानिक आपको बतायेंगे
-
4:14 - 4:17लाईफ़ के शुरुआत में डली आदतें
-
4:17 - 4:22बदलना बहुत कठिन है ।
-
4:22 - 4:25फ़िर भी, हम सब दूसरों के देखा देखी,
-
4:25 - 4:27और एक जगह के तौर तरीकों
-
4:27 - 4:31को देख अपना व्यवहार बदल सकतें है।
-
4:31 - 4:33और यहा निजी क्षेत्र आता है
-
4:33 - 4:37एशिया और अफ़्रिका में, प्रति सेकंड
-
4:37 - 4:40१११ माँताए
-
4:40 - 4:44साबुन खरीदेगी अपने परिवार
की सुरक्षा के लियें। -
4:44 - 4:46इन्डिया की कई औरतें आपको बतायेगी
-
4:46 - 4:48कि उन्होनें स्वछ्ता एवँ
बिमारियों के बारे में -
4:48 - 4:52लाईफ़बोय नामक साबुन से सीखा।
-
4:52 - 4:54इन प्रतिष्ठित ब्रेन्ड्स
-
4:54 - 4:56की ज़िम्मेदारी है भलाई करना
-
4:56 - 4:58उन जगहों में, जहा वे अपना सामान बेचतें है।
-
4:58 - 5:01यहि विश्वास और युनिलीवर का स्तर
-
5:01 - 5:04हमें हौसला देता है कि
ह्म इन माताओ से बातें करे -
5:04 - 5:08साबुन से हा्थ धोने और
तन्दुरुस्ती के बारे में। -
5:08 - 5:11बड़े व्यापार और ब्रेन्ड्स
-
5:11 - 5:13सामाजिक रीति रिवाज़ बदल सकते है
-
5:13 - 5:15और एसी आदतों मे बद्लाव ला सकतें है
-
5:15 - 5:17जो बहुत ही ज़िद्दि है।
-
5:17 - 5:18सोच के देखिये
-
5:18 - 5:22मार्केटिन्ग वाले अपना सारा समय
लगा देते है -
5:22 - 5:26हमे एक ब्रॆन्ड से दूसरे ब्रॆन्ड मे
बदलवाने में -
5:26 - 5:29और असल में वे परिवर्तन करना जानते है
-
5:29 - 5:32विज्ञान तथा तथ्यों को सम्मोहिक उपदेशों मे
-
5:32 - 5:34एक मिनट सोचियें
-
5:34 - 5:37जब वे अपनी सारी शक्ति लगा कर
-
5:37 - 5:40एक प्रभावशाली उपदेश बनाये
साबुन से हाथ धोने के बारे में -
5:40 - 5:43इसके मुनाफे का उद्देश्य होगा पूरे दुनिया के
-
5:43 - 5:45स्वास्थ्य को बदलना।
-
5:45 - 5:46ऐसा सदियों से चला आ रहा है
-
5:46 - 5:50१८९४ में लाइफ़्बोय ब्रॆन्ड
की स्थापना हुई थी -
5:50 - 5:52विकटोरिअन इंग्लैंड में
-
5:52 - 5:54कोलेरा का मुकाबला करनें के लियें
-
5:54 - 5:56पिछ्ले हफ़्तें मै घाना में थी
-
5:56 - 5:58वहा के स्वास्थ्य मन्त्री के साथ
-
5:58 - 5:59क्यूकि अगर आप नहीं जानते तो
मै आपको बता दू कि -
5:59 - 6:02इस वक्त घाना में कोलेरा का प्रकोप है।
-
6:02 - 6:04११८ साल बाद
-
6:04 - 6:06आज भी उत्तर वही है
-
6:06 - 6:08सुनिश्चित करना है कि उनकी पहुच
-
6:08 - 6:10एक साबुन की टिकिया तक है
-
6:10 - 6:11और वे उसका उपयोग करते है
-
6:11 - 6:13क्यूकि यहीं नंबर १ तरीका है
-
6:13 - 6:17कोलेरा के प्रकोप को रोकने का
-
6:17 - 6:19मुझे लगता है कि मुनाफ़े की दौड़
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6:19 - 6:21बहुत शक्तिशाली है
-
6:21 - 6:22कभी कभी समाजसेवा और सरकार
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6:22 - 6:26से भी ज़्यादा शक्तिशाली
-
6:26 - 6:27सरकार जो कर सकती है कर रही है।
-
6:27 - 6:31खासकर महामारी के मामले में
-
6:31 - 6:33और कोलेरा जैसे व्यापक रोग से,
-
6:33 - 6:35या इस वक्त जैसे इबोला
-
6:35 - 6:37परन्तु प्राथमिकताओं के साथ सघंर्ष कर रहे हैं|
-
6:37 - 6:40हर समय बजट नहीं होता।
-
6:40 - 6:42और जब आप इस बारे में सोचते है
-
6:42 - 6:44आप सोचते है कि किस चीज़ की ज़रूरत है
-
6:44 - 6:46जिससे हाथ धोना एक आदत बन जायें
-
6:46 - 6:50इसके लिये निरंतर पैसों की ज़रूरत है
-
6:50 - 6:53जिससे यह व्यवहार सुधर सकें।
-
6:53 - 6:58जो लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये लड़ते है
-
6:58 - 7:00वे असल में साबुन की कंपनियों पर निर्भर है
-
7:00 - 7:03साबुन से हाथ धोने का संदेश फ़ैलाने के लिये।
-
7:03 - 7:07हमारे पास उसैड जैसे मित्र है,
-
7:07 - 7:10ग्लोबल पब्लिक-प्राइवेट संबन्ध हाथ धोने के लिये
-
7:10 - 7:12लन्ड्न स्कूल ओफ़ हाइजीन और त्रोपिकल मेडिसिन,
-
7:12 - 7:14प्लान, वाटर ऐड,
-
7:14 - 7:15जो विश्वास करते है
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7:15 - 7:19एक जीत-जीत-जीत साझेदारी में।
-
7:19 - 7:21सार्वजनिक क्षेत्र की जीत,
-
7:21 - 7:24क्यूकि ह्म उनके लक्ष्य तक पहुचने में मदद करतें हैं।
-
7:24 - 7:26निजी क्षेत्र की जीत,
-
7:26 - 7:28क्यूकि हम नई पीढ़ियों को जन्म देते हैं
-
7:28 - 7:29जो भविष्य में हाथ धोयेगी।
-
7:29 - 7:32और सबसे ज़रुरी है,
-
7:32 - 7:34सबसे आलोचनीय की जीत।
-
7:34 - 7:36१५ अक्टूबर को,
-
7:36 - 7:39हम ग्लोबल हाथ धोने का दिन मनायेगें।
-
7:39 - 7:40स्कूलें, समुदायें,
-
7:40 - 7:42सार्वजनिक क्षेत्र के हमारें दोस्त
-
7:42 - 7:45तथा निजी क्षेत्र के दोस्त -
-
7:45 - 7:47हाँ, और उस दिन हमारे प्रतिद्वंदी भी,
-
7:47 - 7:49सब हाथ जोड़ कर उत्सव मनायेगें
-
7:49 - 7:51विश्व का सबसे ज़रूरी
-
7:51 - 7:53सार्वजनिक स्वास्थ्य बीच-बचाव।
-
7:53 - 7:54हमें ज़रुरत है,
-
7:54 - 7:57और फ़िर यहा निजी क्षेत्र,
बहुत बरा प्रभाव ला सकता है, -
7:57 - 8:01एक बड़े और रचनात्मक सोच कि
-
8:01 - 8:03जो इसका समर्थन करें।
-
8:03 - 8:06अगर आप हमारा "हेल्प अ चाइल्ड रीच ५" कैम्पेन ले,
-
8:06 - 8:09हमने महान फ़िल्में बनायी है
-
8:09 - 8:11जो साबुन से हाथ धोने का सन्देश
-
8:11 - 8:13रोज़मर्रा के लोगो तक पहुंचायेगी
-
8:13 - 8:15ऐसे तरीकें से जिससे वे समझ सकें।
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8:15 - 8:17हमें ३ करोड़ बार देखा जा चूका हैं।
-
8:17 - 8:19इनमें से कई चर्चाएँ अब भी ऑनलाइन हो रही है।
-
8:19 - 8:21मैं आपसे विनती करती हूँ कि
-
8:21 - 8:25पाँच मिनट के लियें आप उस फ़िल्म को देखें।
-
8:25 - 8:26मैं माली से आयी हूँ,
-
8:26 - 8:29विश्व की सबसे गरीब देशों में एक।
-
8:29 - 8:32मैं एक ऐसे परिवार में पली हूँ जहाँ
-
8:32 - 8:34खाने पर रोज़ सामाजिक न्याय
की बातें होती हैं। -
8:34 - 8:37मैनें यूरोप की सर्वश्रेष्ठ पब्लिक हेल्थ
स्कूल में ट्रेनिंग ली। -
8:37 - 8:39मैं शायद अपनें देश की अकेली औरत हूँ
-
8:39 - 8:42जिसने हेल्थ में ऊँची डिग्री
प्राप्त की हैं -
8:42 - 8:44और अकेली जिसने
-
8:44 - 8:48साबुन से हाथ धोने
में डाक्टरेट किया हो। -
8:48 - 8:49(हँसी)
-
8:49 - 8:53(तालियाँ)
-
8:56 - 8:58नौ साल पहले, मैनें निर्णय लिया
-
8:58 - 9:01कि एक कामयाब पब्लिक हेल्थ कैरियर के साथ,
-
9:01 - 9:05मैं सबसे बड़ा प्रभाव छोड़ सकती हूँ
-
9:05 - 9:08पब्लिक हेल्थ में विश्व के सबसे बड़े खोज,
साबुन को -
9:08 - 9:10बेचने और बढावा देने में।
-
9:10 - 9:12आज ह्म विश्व का सबसे बढा
-
9:12 - 9:14हाथ धोने का कार्यक्रम चलाते है
-
9:14 - 9:16किसी भी पब्लिक हेल्थ सामान्य के अनुसार ।
-
9:16 - 9:20हम १८.३ करोड़ लोगों तक पहुच चुकें है
-
9:20 - 9:23जो १६ देशों में है।
-
9:23 - 9:25मेरे टीम और मेरी अभिलाशा है
-
9:25 - 9:29कि साल २०२० तक ह्म १० करोड़
लोगों तक पहुचें। -
9:29 - 9:31पिछ्लें चार सालों में,
-
9:31 - 9:33व्यापार बहुत बढा हैं
-
9:33 - 9:35और बच्चों की मृत्युदर कम हुई है
-
9:35 - 9:40उन सभी जगहॊं पर जहा साबुन
का उपयोग बढा है। -
9:40 - 9:42कुछ लोगों को यह सुन के अजीब लगा होगा -
-
9:42 - 9:44व्यापार और इन्सान की जान
-
9:44 - 9:48को एक ही पंक्ति में सुनना -
-
9:48 - 9:50परंतु व्यापार की वृध्दि ही
-
9:50 - 9:52हमें और करनें का मौका देती है।
-
9:52 - 9:55बिना इसके, और बिना इसके
बारें में बात किये, -
9:55 - 9:59जो बदलाव हमें चाहियें हम वो नहीं पा सकते ।
-
9:59 - 10:01पिछ्ले हफ्ते मैं और मेरी टीम
-
10:01 - 10:04माँताओं से मिलें
-
10:04 - 10:07जिन सब ने एक ही अनुभव किया है:
-
10:07 - 10:09एक नवजात शिशु की मौत।
-
10:09 - 10:12मैं एक माँ हूँ। मैं इससे ज़्यादा शक्तिशाली
-
10:12 - 10:15और दर्द्नाक कुछ कल्पना नहीं कर सकती।
-
10:15 - 10:18ये म्यानमार से हैं।
-
10:18 - 10:20इसकी मुस्कुराहट बहुत प्यारी थी,
-
10:20 - 10:22ऐसी मुस्कुराहट जो आपको ज़िन्दगी देती है
-
10:22 - 10:24जब आपको दूसरा मौका मिला हो।
-
10:24 - 10:28इसका बेटा, म्यो, इसका दूसरा बेटा है।
-
10:28 - 10:30इसकी एक बेटी थी
-
10:30 - 10:32जो तीन हफ्ते की होकर गुज़र गयी,
-
10:32 - 10:34और ह्म जानते है कि सबसे
-
10:34 - 10:36ज़्यादा बच्चों की मौत
-
10:36 - 10:38उनके ज़िन्दगी के पहलें
महीनें में ही होती है -
10:38 - 10:41और हम जानते है कि अगर हम
एक साबुन की टिकियाँ -
10:41 - 10:43हर एक नर्स को दे,
-
10:43 - 10:45जो बच्चों को छूने से पह्लें
साबुन का प्रयोग करें -
10:45 - 10:47हम बद्लाव ला सकते है और
-
10:47 - 10:49इन नम्बरों को बदल सकते हैं।
-
10:49 - 10:51और यहीं बात मुझे प्रेरणा देती है,
-
10:51 - 10:53प्रेरणा कि मै इस रास्ते पर चलूँ,
-
10:53 - 10:55यह जानना कि मै उसे वो दे सकती हूँ
-
10:55 - 10:57जो उसे चहियें
-
10:57 - 10:59ताकि वह दुनिया का सबसे
-
10:59 - 11:01सुन्दर काम कर सके:
-
11:01 - 11:03अपने नये बच्चें को पालना।
-
11:03 - 11:05और अगली बार आप तोहफ़ें के बारे में सोचे
-
11:05 - 11:07किसी नयी माँ और उसके परिवार के लिये,
-
11:07 - 11:10तो उन्हें साबुन दीजियें।
-
11:10 - 11:13यह पब्लिक हेल्थ का सबसे सुन्दर अविष्कार है।
-
11:13 - 11:16मैं आशा करती हूँ कि आप हमसे जुड़ेंगे
-
11:16 - 11:19और हाथ धोने को अपनी रोज़ की ज़िन्दगी का
-
11:19 - 11:20और हमारी रोज़ की ज़िन्दगी का हिस्सा बनायेगें
-
11:20 - 11:23और म्यो जैसे कई और बच्चों को
-
11:23 - 11:24अपने पाँचवें जन्मदिन तक
पहुचनें में मदद करेंगें। -
11:24 - 11:26धन्यवाद।
-
11:26 - 11:28(तालियाँ )
- Title:
- हाथ धोने की सहज शक्ति
- Speaker:
- मयरिआम सिदिबे
- Description:
-
मयरिआम सिदिबे एक योद्धा है जो बच्चों की बिमारियों के खिलाफ लड़ती है। और उनका शस्त्र ? एक साबुन की टिकीया। कम दाम में बिमारियों से बचने के तरीकों में, साबुन से हाथ धोना सबसे सर्वश्रेस्ठ है - इससे निमोनीया, डायरिया, कोलेरा और उससे भी खराब बिमारियों का खतरा कम होता है। सिदिबे, एक सार्वजानिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ है, जो एक बहुत ही बढिया प्रकरण प्रस्तुत करती है जिससे सार्वजानिक और निजी सहभागिता और स्थानीय उध्यमिता के द्वारा साफ़ हाथों को बढावा दिया जा सकता है।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 11:41
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Omprakash Bisen accepted Hindi subtitles for The simple power of handwashing | ||
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